12th Hindi Quarterly Exam Question Paper 2025

Hindi Class 12 Quarterly Exam Answer Key 25 June Exam

खण्ड – अ
वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न संख्या 1 से 70 तक के प्रत्येक प्रश्न के साथ चार विकल्प दिए गए हैं, जिनमें से एक सही है। अपने द्वारा चुने गये सही विकल्प को OMR शीट पर नीला या काला बॉल प्वाइंट पेन से चिह्नित करें। किन्हीं 40 प्रश्नों के उत्तर दें।

1. ‘ष’ वर्ण का उच्चारण-स्थान है
(A) कण्ठ्य
(B) तालव्य
(C) दन्त्य
(D) मूर्धन्य
Ans – (D) मूर्धन्य

2. व्यंजनों के अनेक प्रकार के उच्चारणों को स्पष्ट करने के लिए जब उनके साथ स्वर का योग होता है, तब स्वर का वास्तविक रूप जैसा बनता है, उसे क्या कहते हैं?
(A) संगम
(B) मात्रा
(C) विसर्ग
(D) समास
Ans – (B) मात्रा

3. आचार्य किशोरीदास वाजपेयी के अनुसार किन दोनों ध्वनियों को ‘अयोगवाह’ कहते हैं?
(A) अंतःस्थ और ऊष्म व्यंजनों को
(B) प्लुत और दीर्घ स्वर को
(C) अनुनासिक और निरनुनासिक को
(D) अनुस्वार और विसर्ग को
Ans – (D) अनुस्वार और विसर्ग को

4. ‘औं’ वर्ण का उच्चारण-स्थान क्या है?
(A) कंठ्य
(B) ओष्ठ्य
(C) कंठोष्ठ्य
(D) कंठ-तालव्य
Ans – (C) कंठोष्ठ्य

5. उच्चारण के मध्य अल्पकालीन मौनावस्था या विरामावस्था को क्या कहा जाता है?
(A) वर्तनी
(B) बलाघात
(C) अनुतान
(D) संगम
Ans – (D) संगम

6. निम्नलिखित में कौन शब्द शुद्ध है?
(A) भूँकना
(B) भूकना
(C) भुंकना
(D) भुकना
Ans – (A) भूँकना

7. निम्नलिखित में कौन शब्द अशुद्ध है?
(A) अतीथी
(B) हींग
(C) आविष्कार
(D) पीढ़ी
Ans – (A) अतीथी

8. निम्नलिखित में कौन त्रुटि-चिह्न है?
(A) XXX
(B) ” “
(C) ^
(D) :-
Ans – (C) ^

9. निम्नलिखित में कौन शब्द व्यंजनसंधि का एक उदाहरण है?
(A) नीरस
(B) दुरात्मा
(C) नायक
(D) संगम
Ans – (D) संगम

10. ‘अहंकार’ शब्द का संधि-विच्छेद है
(A) अहम + कार
(B) अहम् + कार
(C) अ: + कार
(D) अह + कार
Ans – (B) अहम् + कार

11. ‘घर का न घाट का’ इस मुहावरे का क्या अर्थ है?
(A) विवाह करना
(B) लापता होना
(C) कहीं का नहीं
(D) भटकना
Ans – (C) कहीं का नहीं

12. ‘आगे नाथ न पीछे पगहा’ लोकोक्ति का अर्थ है
(A) एक साथ दो काम
(B) किसी तरह का दायित्व नहीं
(C) दो कामों में एक न बन पाना
(D) दूना फायदा उठाना
Ans – (B) किसी तरह का दायित्व नहीं

13. ‘एक ही समय में वर्तमान’ वाक्यखंड के लिए एक शब्द क्या होगा?
(A) समसामयिक
(B) समदर्शी
(C) नवजात
(D) दिनानुदिन
Ans – (A) समसामयिक

14. निम्नलिखित में शुद्ध वाक्य कौन है?
(A) मोहन ने गोदावरी देखा
(B) माँ ने मुझे राँची बुलायी
(C) तुलसीदास रामायण की रचना किये
(D) मैंने किताब पढ़ी है
Ans – (D) मैंने किताब पढ़ी है

15. निम्नलिखित में ‘कमल’ शब्द का पर्यायवाची शब्द कौन है?
(A) इंदिरा
(B) नलिन
(C) मनोज
(D) कल्याणी
Ans – (B) नलिन

16. बालकृष्ण भट्ट आधुनिक काल के किस युग के प्रमुख साहित्यकारों में से हैं?
(A) भारतेंदु युग
(B) द्विवेदी युग
(C) छायावाद
(D) प्रयोगवाद
Ans – (A) भारतेंदु युग

17. बालकृष्ण भट्ट के अनुसार यह किसका मत है कि “असल बातचीत सिर्फ दो व्यक्तियों में हो सकती है”?
(A) वेन जानसन का
(B) रॉबिंसन का
(C) भारतेंदु का
(D) एडीसन का
Ans – (D) एडीसन का

18. निम्नलिखित में ‘समालोचक’ पत्रिका के संपादक हैं
(A) बालकृष्ण भट्ट
(B) चंद्रधर शर्मा गुलेरी
(C) जयप्रकाश नारायण
(D) भगत सिंह
Ans – (B) चंद्रधर शर्मा गुलेरी

19. ‘उसने कहा था’ शीर्षक कहानी में जब लड़के ने लड़की से पूछा – “तेरी कुड़माई हो गई?” इस पर लड़की कुछ आँखें चढ़ाकर क्या कहकर दौड़ गई?
(A) गंदा
(B) पागल
(C) शैतान
(D) धत्
Ans – (D) धत्

20. ‘उसने कहा था’ शीर्षक कहानी में पलटन का विदूषक कौन था?
(A) लहना सिंह
(B) बोधासिंह
(C) हजारा सिंह
(D) वजीरा सिंह
Ans – (D) वजीरा सिंह

21. ‘संपूर्ण क्रांति’ वाला ऐतिहासिक भाषण जयप्रकाश नारायण के द्वारा पटना के गाँधी मैदान में कब दिया गया?
(A) 5 जून, 1974 ई० को
(B) 5 जून, 1978 ई० को
(C) 5 जून, 1976 ई० को
(D) 5 जून, 1980 ई० को
Ans – (A) 5 जून, 1974 ई० को

22. जयप्रकाश नारायण के अनुसार फ्री प्रेस के मालिक सदानंद जी किनको ‘ब्रेन ऑफ बांबे’ कहा करते थे?
(A) जयप्रकाश नारायण को
(B) डॉक्टर रहमान को
(C) रामनाथ जी गोयनका को
(D) उमाशंकर जी दीक्षित को
Ans – (D) उमाशंकर जी दीक्षित को

23. लोकनायक जयप्रकाश नारायण को किस वर्ष भारत रत्न से सम्मानित किया गया?
(A) 1995 ई०
(B) 1979 ई०
(C) 1998 ई०
(D) 2000 ई०
Ans – (C) 1998 ई०

24. सूफी कवि मलिक मुहम्मद जायसी की उज्ज्वल अमर कीर्ति का आधार उनके द्वारा रचित कौन-सी कृति है?
(A) पद्मावत
(B) अखरावट
(C) चित्ररेखा
(D) चंपावत
Ans – (A) पद्मावत

25. ‘डाभ’ शब्द का अर्थ है
(A) त्रिशूल
(B) फूटती हुई मंजरी
(C) कड़ा
(D) पीड़ा
Ans – (B) फूटती हुई मंजरी

26. पाठ्यपुस्तक में सूरदास रचित दोनों पद कहाँ से संकलित हैं?
(A) सूरसारावली से
(B) साहित्य लहरी से
(C) सूरसागर से
(D) राधारसकेलि से
Ans – (C) सूरसागर से

27. भक्त कवि तुलसीदास रचित पद ‘कबहुँक अंब अवसर पाई’ में ‘अंब’ संबोधन किसके लिए है?
(A) माँ कौशल्या के लिए
(B) माँ सीता के लिए
(C) माँ दुर्गा के लिए
(D) माँ काली के लिए
Ans – (B) माँ सीता के लिए

28. भक्त कवि नाभादास रचित कौन-सी रचना ब्रजभाषा गद्य के साथ ही ‘रामचरितमानस’ की दोहा-चौपाई शैली में भी रचित है?
(A) भक्तमाल
(B) अष्टयाम
(C) भक्तमाल और अष्टयाम दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans – (B) अष्टयाम

29. ‘अर्धनारीश्वर’ किनका कल्पित रूप है?
(A) राम और सीता का
(B) कृष्ण और राधा का
(C) विष्णु और लक्ष्मी का
(D) शंकर और पार्वती का
Ans – (D) शंकर और पार्वती का

30. ‘अचमन’ शब्द का अर्थ है
(A) जूठन
(B) कुल्ला करना
(C) कमल
(D) कमल
Ans – (B) कुल्ला करना

31. निम्नलिखित में कौन शब्द पुंलिंग है?
(A) चेचक
(B) कोयला
(C) गंध
(D) कुहासा
Ans – (D) कुहासा

32. निम्नलिखित में कौन शब्द स्त्रीलिंग है?
(A) काजल
(B) कुमुद
(C) खटमल
(D) चट्टान
Ans – (D) चट्टान

33. द्रव्यवाचक संज्ञाओं का प्रयोग किस वचन में होता है?
(A) एकवचन में
(B) बहुवचन में
(C) (A) और (B) दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans – (A) एकवचन में

34. निम्नलिखित में कौन जातिवाचक संज्ञा का उदाहरण है?
(A) ब्रह्मपुत्र
(B) ठग
(C) दूरी
(D) मंडल
Ans – (B) ठग

35. शब्द की जाति को क्या कहा जाता है?
(A) वर्तनी
(B) कारक
(C) लिंग
(D) अव्यय
Ans – (C) लिंग

36. कारकों के बोध के लिए संज्ञा या सर्वनाम के आगे जो प्रत्यय या चिह्न लगाए जाते हैं, उन्हें व्याकरण में क्या कहा जाता है?
(A) वर्तनी
(B) संगम
(C) अव्यय
(D) विभक्ति
Ans – (D) विभक्ति

37. निम्नलिखित में किस क्रिया के साथ कर्ता के ‘ने’ चिह्न का प्रयोग नहीं होता है?
(A) नहाना
(B) छींकना
(C) भूलना
(D) खाँसना
Ans – (C) भूलना

38. वाक्य में जिस शब्द से क्रिया के संबंध का बोध हो, उसे कौन कारक कहते हैं?
(A) कर्ताकारक
(B) कर्मकारक
(C) करणकारक
(D) संबंधकारक
Ans – (C) करणकारक

39. ‘तुलसी के वास्ते ही जैसे राम ने अवतार लिया’ — यह वाक्य किस कारक का उदाहरण है?
(A) संबंध कारक
(B) संप्रदान कारक
(C) करण कारक
(D) कर्ता कारक
Ans – (B) संप्रदान कारक

40. वाक्य के प्रत्येक पद को अलग-अलग कर उसका स्वरूप और दूसरे पद से संबंध बताना क्या कहलाता है?
(A) समास
(B) संगम
(C) पद-परिचय
(D) अव्यय
Ans – (C) पद-परिचय

41. हिन्दी में कुल कितने सर्वनाम हैं?
(A) छह
(B) ग्यारह
(C) तेरह
(D) पंद्रह
Ans – (A) छह

42. निम्नलिखित में कौन एक सर्वनाम है?
(A) पूर्व
(B) कुंज
(C) ऐसा
(D) कुछ
Ans – (D) कुछ

43. ‘बिजली’ शब्द का पर्यायवाची शब्द है —
(A) अभ्र
(B) क्षणप्रभा
(C) अब्धि
(D) यामिनी
Ans – (B) क्षणप्रभा

44. ‘अधम’ शब्द का विलोम शब्द है-
(A) उन्नत
(B) उत्तम
(C) प्रतिलोम
(D) उदार
Ans – (B) उत्तम

45. ‘अनुचित बात के लिए आग्रह’ – इस वाक्यांश के लिए एक शब्द क्या होगा?
(A) दुराग्रह
(B) जिज्ञासा
(C) दुराचार
(D) अकरणीय
Ans – (A) दुराग्रह

46. ‘ईंट से ईंट बजाना’ मुहावरे का अर्थ क्या है?
(A) किसी की दुष्टता का करारा जवाब देना
(B) परेशान करना
(C) बाधा दूर होना
(D) युद्धत्मक विनाश लाना
Ans – (A) किसी की दुष्टता का करारा जवाब देना

47. समास में आए पदों को छोड़कर जब किसी अन्य पदार्थ की प्रधानता हो, तब उसे क्या कहा जाता है?
(A) द्विगु समास
(B) बहुव्रीहि समास
(C) कर्मधारय समास
(D) अव्ययीभाव समास
Ans – (B) बहुव्रीहि समास

48. निम्नलिखित में कौन अव्ययीभाव समास का उदाहरण है?
(A) देशभक्ति
(B) नीलगाय
(C) पीताम्बर
(D) प्रतिदिन
Ans – (D) प्रतिदिन

49. ‘संजीवनी’ शब्द में उपसर्ग है —
(A) स
(B) सन
(C) सम्
(D) संक
Ans – (C) सम्

50. ‘पूजापा’ शब्द में प्रत्यय है —
(A) पा
(B) जापा
(C) जपा
(D) आपा
Ans – (D) आपा

51. लेखक रामधारी सिंह दिनकर के अनुसार अपने जीवन के अंतिम दिनों में नारीत्व की भी साधना की थी —
(A) जयप्रकाश नारायण ने
(B) कृष्णमूर्ति ने
(C) महात्मा गांधी ने
(D) प्रेमचंद ने
Ans – (C) महात्मा गांधी ने

52. गृहस्थ जीवन को अस्वीकार करने वाला मार्ग क्या कहलाता है ?
(A) दीपित
(B) प्रवृत्तिमार्ग
(C) ईषत्
(D) निवृत्तिमार्ग
Ans – (D) निवृत्तिमार्ग

53. ‘स्फुलिंग’ शब्द का अर्थ है
(A) चिनगारी
(B) जल
(C) चमकता हुआ
(D) शिकार
Ans – (A) चिनगारी

54. रामधारी सिंह दिनकर को उनकी किस कृति के लिए भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हुआ?
(A) रेणुका
(B) रश्मिरथी
(C) उर्वशी
(D) संस्कृति के चार अध्याय
Ans – (C) उर्वशी

55. अमेरिका से भारत लौटने के बाद जयप्रकाश नारायण किस दल में शामिल हुए थे?
(A) कम्युनिस्ट
(B) काँग्रेस
(C) स्वराज दल
(D) स्वतंत्र दल
Ans – (B) काँग्रेस

56. जयप्रकाश नारायण की पत्नी का नाम क्या था?
(A) फूलरानी
(B) प्रभावती देवी
(C) लक्ष्मी देवी
(D) तारा देवी
Ans – (B) प्रभावती देवी

57. ‘उसने कहा था’ शीर्षक कहानी में लहना सिंह के गाँव का नाम क्या था?
(A) मगरे
(B) माँझे
(C) माहे
(D) माखे
Ans – (B) माँझे

58. ‘उसने कहा था’ शीर्षक कहानी में पोल्तुराम कौन था?
(A) डाक बाबू
(B) डॉक्टर
(C) जमादार
(D) सिपाही
Ans – (A) डाक बाबू

59. ‘उसने कहा था’ शीर्षक कहानी का प्रकाशनकाल क्या है?
(A) 1911 ई०
(B) 1910 ई०
(C) 1913 ई०
(D) 1915 ई०
Ans – (D) 1915 ई०

60. बालकृष्ण भट्ट के अनुसार चार से अधिक लोगों की बातचीत को क्या कहा जाता है?
(A) सारगर्भित
(B) राम-रमौबल
(C) असल
(D) संजीदगीपूर्ण
Ans – (B) राम-रमौबल

61. बालकृष्ण भट्ट किस मासिक पत्र को 33 वर्षों तक निकालते रहे?
(A) हिंदी प्रदीप
(B) हव
(C) सरस्वती
(D) मनोरमा
Ans – (A) हिंदी प्रदीप

62. निम्नलिखित में कौन ‘प्रेम की पीर’ के कवि हैं?
(A) मलिक मुहम्मद जायसी
(B) सूरदास
(C) तुलसीदास
(D) नाभादास
Ans – (A) मलिक मुहम्मद जायसी

63. निम्नलिखित में किस कवि के काव्य के तीन प्रधान विषय हैं, विनय भक्ति, वात्सल्य और प्रेम-श्रृंगार?
(A) मलिक मुहम्मद जायसी
(B) सूरदास
(C) भूषण
(D) जायसी
Ans – (B) सूरदास

64. मलिक मुहम्मद जायसी किसके कारण रूपहीन तथा बाईं आँख और कान से वंचित हो गए थे?
(A) मलेरिया के कारण
(B) हैजा के कारण
(C) चेचक के कारण
(D)  प्लेग के कारण
Ans – (C) चेचक के कारण

65. मलिक मुहम्मद जायसी ने अपनी एक आँख की तुलना किससे की है?
(A) चाँद से
(B) सूर्य से
(C) हीरा से
(D) दर्पण से
Ans – (D) दर्पण से

66. ‘शुद्धाद्वैतवाद’ एवं ‘पुष्टिमार्ग’ की भक्तिसाधना के प्रवर्तक प्रसिद्ध दार्शनिक आचार्य एवं संत का नाम है
(A) शंकराचार्य
(B) माधवाचार्य
(C) रामानुज
(D) वल्लभाचार्य
Ans – (D) वल्लभाचार्य

67. ‘कनियाँ’ शब्द का अर्थ है
(A) पत्नी
(B) दुल्हन
(C) गोद
(D) धरणी
Ans – (C) गोद

68. किस दासी ने तुलसीदास के जन्म के बाद परिवार द्वारा परित्याग होने पर उनका पालन-पोषण किया?
(A) चुनियाँ
(B) चुनमुनियाँ
(C) मुनियाँ
(D) भगजोगनी
Ans – (A) चुनियाँ

69. भक्त कवि नाभादास के दीक्षागुरु थे
(A) स्वामी रामानंद
(B) नरहरिदास
(C) शेष सनातन
(D) स्वामी अग्रदास
Ans – (D) स्वामी अग्रदास

70. कवि नाभादास के अनुसार किन्हें हृदय रूपी दिव्य दृष्टि प्राप्त है ?
(A) कबीर को
(B) तुलसीदास को
(C) अग्रदास को
(D) सूरदास को
Ans – (D) सूरदास को

खण्ड – ब
विषयनिष्ठ प्रश्न

  1. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर निबंध लिखें :

(i) खेल का महत्त्व

मनुष्य के सर्वांगीण विकास के लिए खेल अत्यंत आवश्यक हैं। खेल शरीर को स्वस्थ, फुर्तीला और सक्रिय बनाए रखते हैं। शारीरिक व्यायाम का सबसे सरल और रोचक तरीका खेल ही है। खेलों से अनुशासन, समय-पालन, सहयोग और प्रतिस्पर्धा की भावना का विकास होता है। विद्यार्थियों के लिए तो खेल और भी आवश्यक हैं क्योंकि “स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है।” आज विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं ने खेलों को एक उज्ज्वल करियर का माध्यम भी बना दिया है। क्रिकेट, बैडमिंटन, हॉकी, फुटबॉल, कबड्डी आदि खेलों में भारत ने विश्व स्तर पर नाम कमाया है। हमें जीवन में खेल भावना को अपनाना चाहिए और खेल को मनोरंजन तथा स्वास्थ्यवर्धन का माध्यम बनाना चाहिए।

(ii) विद्यार्थी और अनुशासन

अनुशासन जीवन की रीढ़ है, विशेष रूप से विद्यार्थी जीवन में इसका विशेष महत्त्व होता है। विद्यार्थी काल सीखने, समझने और जीवन के आधार निर्माण का समय होता है। इस समय यदि विद्यार्थी अनुशासन का पालन नहीं करेगा, तो उसका जीवन दिशाहीन हो जाएगा। अनुशासन से ही व्यक्ति में समय-पालन, जिम्मेदारी और आत्म-नियंत्रण की भावना आती है। विद्यालय में समय पर पहुँचना, शिक्षकों का सम्मान करना, नियमों का पालन करना – ये सब अनुशासन के अंग हैं। जो विद्यार्थी अनुशासित होता है, वही जीवन में सफलता प्राप्त करता है। इसलिए हर विद्यार्थी को अनुशासन को अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए।

(iii) दहेज-प्रथा

दहेज-प्रथा भारतीय समाज की एक गम्भीर सामाजिक बुराई है। यह प्रथा विवाह के समय वधू पक्ष से वर पक्ष को धन, वस्त्र, गहने, वाहन आदि देने की प्रथा है। पहले यह स्वेच्छा से होता था, पर अब यह एक मजबूरी और बोझ बन गई है। दहेज के कारण गरीब माता-पिता अपनी बेटियों की शादी नहीं कर पाते, कभी-कभी उन्हें आत्महत्या तक करनी पड़ती है। कई बार दहेज न मिलने पर बहुओं को तंग किया जाता है या उनकी हत्या तक कर दी जाती है। सरकार ने दहेज प्रथा को रोकने के लिए कड़े कानून बनाए हैं, परंतु जब तक समाज में जागरूकता नहीं आएगी, तब तक इस कुप्रथा का अंत नहीं होगा। हमें मिलकर इस बुराई को जड़ से समाप्त करना होगा।

(iv) स्वतंत्रता दिवस

15 अगस्त 1947 को भारत अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुआ। यह दिन हमारे देश के लिए गौरव और सम्मान का प्रतीक है। स्वतंत्रता दिवस हर वर्ष पूरे देश में बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। इस दिन सभी सरकारी कार्यालयों, विद्यालयों और संस्थानों में तिरंगा फहराया जाता है और देशभक्ति गीत गाए जाते हैं। स्वतंत्रता सेनानियों को याद कर उनके बलिदान को श्रद्धांजलि दी जाती है। लाल किले से प्रधानमंत्री का भाषण पूरे देश को एक सूत्र में बाँधता है। यह दिन हमें हमारे कर्तव्यों की याद दिलाता है और देश के लिए कुछ करने की प्रेरणा देता है। हमें अपने देश की आज़ादी की रक्षा करनी चाहिए और इसे और महान बनाने का संकल्प लेना चाहिए।

2. निम्नलिखित में से किसी एक अवतरण की सप्रसंग व्याख्या करें :

(i) “सच हैं जबतक मनुष्य बोलता नहीं, तब तक उसका गुण दोष प्रकट नही होता”

उत्तर – प्रस्तुत पंक्ति बालकृष्ण भट्ट रचित बातचीत शीर्षत पाठ से लिया गया है, जिसमें लेखक ने बातचीत के महत्त्व को स्पष्ट करने का प्रयास किया है। भाषा या अभिव्यक्ति के आधार पर ही व्यक्ति के व्यक्तित्व या गुण-दोष की पहचान होती है। बोलने पर ही व्यक्ति की अच्छाई या बुराई का पता चल पाता है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि, सच हैं जबतक मनुष्य बोलता नहीं, तब तक उसका गुण दोष प्रकट नही होता।

 (ii) “जाड़ा क्या है, मौत है और निमोनिया से मरनेवालों को मुरब्बे नहीं मिला करते ।”

उत्तर – प्रस्तुत पंक्ति चंद्रधर शर्मा गुलेरी रचित उसने कहा था शीर्षत पाठ से लिया गया है। वजीरा सिंह के इस कथन का आशय है की वहां युद्ध के मैदान में अत्यधिक ठंडा पड़ रही है जिसके कारण ऐसा लगता है कि मानो उसकी जान ही निकल जाएगी । वजीरा सिंह लहना सिंह से कहता है कि रात भर तुम अपने दोनों कंबल बोधा सिंह को उढ़ाते हो और आपने सिगड़ी के सहारे गुजर करते हो । उसके पहरे पर खुद जाकर पहरा दे आते हो । अपने सूखे लकड़ी के तख्तों पर उसे सुलाते हो और आपने कीचड़ में पड़े रहते हो । कहीं तुम न माँदे पड़ जाना । और तब वजीरा सिंह कहता है “जाड़ा क्या है, मौत है और ‘निमोनिया’ से मरनेवालों को मुरब्बे नहीं मिला करते ।” मतलब कि इस ठंड की स्थिति में इतने लोगो को निमोनिया हो रहा है उन्हें मरने के लिए स्थान भी नही मिल रहा है ।

 (iii) “जो रस नंद-जसोदा विलसत, सो नहिं तिहूँ भुवनियाँ।

भोजन करि नंद अचमन लीन्हौ, माँगत सूर जुठनियाँ ।।”

उत्तर – प्रस्तुत पंक्ति हमारे पाठ्यपुस्तक दिगंत भाग 2 के सूरदास के पद कविता से लिया गया है। यह कविता सुरसागर से संकलित है जिसमे सूरदास जी मातृ – पितृ स्नेह का भाव प्रदर्शित कर रहे हैं । श्री कृष्ण नंद की गोद में बैठकर भोजन कर रहे है | इस दिव्य क्षण का जो आनंद नंद और यशोदा को मिल रहा है यह तीनों लोको मे किसी को प्राप्त नहीं हो सकता | भोजन करने के बाद नंद और श्री कृष्ण कुल्ला करते है और सूरदास उनका जूठन मांग रहे है |

 (iv) “कबहुँक अंब अवसर पाइ ।

मोरिओ सुधि घाइबी कछु करुन-कथा चलाइ ।।”

उत्तर – प्रस्तुत पंक्तियाँ विनय पत्रिका के सीता स्तुति खंड से ली गई है जिसमे महाकवि तुलसीदास सीता को माँ कहकर संबोधित करते हुए कहते है कि हे माँ कभी उचित अवसर पा के आप प्रभु से कोई कारुणिक प्रसंग छेड़ कर मेरी भी याद प्रभु को दिला देना ।

  1. विद्यालय में प्रथम स्थान से उत्तीर्ण होने पर अपने छोटे भाई को एक बधाई-पत्र लिखें ।

उत्तर –

प्रिय छोटे भाई रवि,

स्नेहपूर्वक नमस्कार।

आज ही तुम्हारे विद्यालय से समाचार मिला कि तुमने अपनी 12वीं कक्षा में पुरे बिहार में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। यह जानकर मुझे अत्यंत प्रसन्नता हुई और हृदय गर्व से भर उठा। मेरी तरफ़ से तुम्हें इस शानदार उपलब्धि के लिए ढेर सारी बधाइयाँ! तुम्हारी मेहनत, लगन और नियमित पढ़ाई का यह फल तुम्हें मिला है। स्कूल के साथ साथ तुम बिहार के नंबर 1 संसथान एजुकेशन बाबा से तुम्हारी तैयारी का ये सब परिणाम है। तुमने न सिर्फ़ अपने माता-पिता और गुरुजनों का नाम रोशन किया है, बल्कि अपने बड़े भाई का सिर भी गर्व से ऊँचा कर दिया है। मुझे पूरा विश्वास है कि तुम आगे भी इसी तरह परिश्रम करते रहोगे और जीवन में और भी ऊँचाइयों को प्राप्त करोगे। पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद और अच्छे आचरण पर भी ध्यान देते रहना। फिर मिलेंगे, तब तुम्हें एक अच्छा-सा उपहार दूँगा। पुनः बहुत-बहुत बधाई और ढेर सारा प्यार।

तुम्हारा बड़ा भाई

आदित्य झा

  1. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं पाँच प्रश्नों के उत्तर दें :

(i) कविता में तुक का क्या महत्त्व है ?

उत्तर- तुक से तात्पर्य होता है समान वर्ण अथवा समान ध्वनि का अन्त में प्रयोग। यथा- कबीर पद में ‘गाए’ और ‘दिखाए’ तथा ‘साखी-भाषी’ एवं ‘भनी दर्शनी’। ये तुक काव्य में सरसता समाहित कर देता है, गीति तत्व को उभार देता है। लयात्मकता भी प्रखर हो जाती है और काव्य सुनने में या पढ़ने में आनन्द देता है।

कबीर के पदों में तुकों की महत्ता हम दिखा ही चुके हैं। सूर के पद में भी यह विशेषता पायी जाती है ‘भारी-धारी’ दोनों तुक ही हैं। उसी प्रकार अन्तिम दो पंक्तियों में ‘धेरै’ ‘सरै’ भी तुक ही है जिनके प्रभाव से काव्य में सरसता समाहित हो गयी है।

 (ii) भक्तकवि तुलसीदास को किस वस्तु की भूख है ?

उत्तर- तुलसी की भूख बड़ी प्रबल है वह है भक्ति-रूपी अमृत के समान उत्तम भोजन की, अतः तुलसी यही प्रार्थना करते हैं कि हे प्रभु! अपने चरणों में स्थान देकर मुझे प्रबल शक्ति प्रदान करने की कृपा करें ताकि कलिकाल के प्रभाव से रक्षा हो सके।

 (iii) सूरदास रचित पद में गायें किस ओर दौड़ पड़ीं ?

उत्तर – भोर हो गयी है, दुलार भरे कोमल मधुर स्वर में सोए हुए बालक कृष्ण को भोर होने का संकेत देते हुए जगाया जा रहा है। प्रथम पद में भोर होने के संकेत दिए गए हैं- कमल के फूल खिल उठे है, पक्षीगण शोर मचा रहे हैं, गायें अपनी गौशालाओं से अपने-अपने बछड़ों की ओर दूध पिलाने हेतु दौड़ पड़ी ।

 (iv) ‘मुहमद यहि कवि जोरि सुनावा ।‘ – यहाँ कवि जायसी ने जोरिशब्द का प्रयोग किस अर्थ में किया है ?

उत्तर – जोड़ी का अर्थ जोड – जोड़कर है कवि ने जोड़ी का प्रयोग कई कथाओ को जोड़ जोड़कर और कई शब्दों को जोड़- जोड़कर यह कथा लिख रहा हूँ की अर्थ में किया है ।

 (v) नाभादास के अनुसार कबीर ने भक्ति को कितना महत्त्व दिया ?

उत्तर – कबीर ने भक्ति को सर्वोपरि माना है। वह कहते है जो व्यक्ति भक्ति विमुख है, उसका सारा धर्म अधर्म ही है, भक्ति-विमुख व्यक्ति धर्म का आचरण कर ही नहीं सकता। उसकी मान्यता है, संसार के अनेक साधन हैं। योग है, व्रत हैं, दान है पर सभी भक्ति के बिना तुच्छ ही हैं, व्यर्थ ही हैं, सर्वोपरि भक्ति ही है, वही महत्वपूर्ण है, ईश्वर प्राप्ति का सबसे आसान साधन है।

 (vi) ‘आर्ट ऑफ कनवरसेशनक्या है ?

उत्तर- ‘आर्ट ऑफ कनवरसेशन’ बातचीत करने की एक कला है जो योरप के लोगों में ज्यादा प्रचलित है। ऐसी चतुराई के साथ इसमें प्रसंग छेड़ जाते हैं कि जिन्हें सुन कर कानों को अत्यन्त सुख मिलता है। सुहृद गोष्ठी इसी का नाम है । सुहृदु गोष्ठी की बातचीत की यह तारीफ है कि बात करनेवालों की लियाकत अथवा पंडिताई का अभिमान या कपट कहीं एक बात में भी प्रकट न हो, वरन् क्रम में रसाभास पैदा करनेवाले शब्दों को बरकते हुए चतुर सयाने अपनी बातचीत को सरस रखते हैं । इस प्रकार आर्ट ऑफ कनवरशेसन मनुष्य के द्वारा आपस में बातचीत करने की उत्तम कला है जिसके द्वारा मनुष्य बातचीत को हमेशा आनंदमय बनाये रखता है।

 (vii) ‘उसने कहा थाशीर्षक कहानी के पात्रों की एक सूची तैयार करें ।

उत्तर- वैसे तो कहानी में कई पात्र है परन्तु जो मुख्य पात्र है उनकी सूचि निम्नलिखित है – लहना सिंह (जो कहानी का नायक है), सूबेदार, सूबेदारनी, बोधा सिंह (सूबेदार का पुत्र), अतर सिंह (सूबेदारनी की मामा), माहासिंह (सिपाही), वजीरा सिंह (पलटन का विदूषक) आदि ।

 (viii) राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर का जन्म कब और कहाँ हुआ था ?

उत्तर- राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर का जन्म 23 सितंबर 1908 को सिमरिया, बेगूसराय, बिहार में हुआ था।

 (ix) जयप्रकाश नारायण कम्युनिस्ट पार्टी में क्यों नहीं शामिल हुए ?

उत्तर- जयप्रकाश ने लौटने पर सोचा था कि जो देश गुलाम हैं वहाँ के कम्युनिस्टों को हरगिज वहाँ की आजादी की लड़ाई से अपने को अलग नहीं रखना चाहिए। क्योंकि लड़ाई के नेतृत्व ‘बुर्जुआ क्लास’ के हाथ में रहता है, पूँजीपतियों के हाथ में होता है। अत: कम्युनिस्टों को अलग नहीं रहना चाहिए। अपने को आइसोलिस्ट नहीं करना चाहिए । जे. पी. स्वतन्त्रता के दीवाने थे, वे आजादी चाहते थे, उनकी उस समय आजादी के लिये संघर्ष काँग्रेस ही कर रही थी अत: उन्होंने उसके साथ स्वतन्त्रता संग्राम लड़ना प्रारम्भ कर दिया।

 (x) ‘दोहाछंद से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर- दोहा अर्द्धसम मात्रिक छंद है। दोहे के चार चरण होते हैं। इसके विषम चरणों (प्रथम तथा तृतीय) में 13-13 मात्राएँ और सम चरणों (द्वितीय तथा चतुर्थ) में 11-11 मात्राएँ होती हैं। विषम चरणों के आदि में प्राय: जगण (।ऽ।) टालते है, लेकिन इस की आवश्यकता नहीं है। ‘बड़ा हुआ तो’ पंक्ति का आरम्भ ज-गण से ही होता है। सम चरणों के अंत में एक गुरु और एक लघु मात्रा का होना आवश्यक होता है अर्थात अन्त में लघु होता है।

  1. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर दें :

(i) सूर के काव्य की किन विशेषताओं का उल्लेख कवि नाभादास ने किया है ?

उत्तर – सूर के काव्य की इन विशेषताओं का उल्लेख कवि ने किया है। सूर के जो काव्य है वो चमत्कार और अनुप्रास से भरे होते हैं। इनकी भाषा तुकधारी होती है। सूर जो है वो कृष्ण भक्त हैं और कृष्ण की जितनी भी लीलाये हैं, उसे उन्हें अपने काव्य में दर्शाया है। कृष्ण के जन्म, कर्म, लीला, गुण और रूप आदि को ही सुर अपने कविताओं में लिखते हैं। कवि नाभादास के अनुसार जो भी सूर के काव्य को सुनता है, उनकी बुद्धि विमल हो जाती है।

 (ii) राम स्वभाव से कैसे हैं, पठित पदों के आधार पर बताइए ।

उत्तर- राम का स्वभाव अति कृपालु है। यह तुलसी द्वारा प्रमाणित भी हो रहा है। जब तुलसी ने भयभीत होकर सन्त समाज से पूछा कि ऐसा कौन है, जो मुझ जैसे उद्यमहीन को भी शरण दे सकेगा, तो सन्तों ने यही उत्तर दिया कि एक कौशलपति महाराज श्रीरामचन्द्र जी हैं जो ऐसे उद्यमहीन व्यक्तियों को भी शरण दे सकते हैं। राम का स्वभाव ही है पतितों पर दया करना और यह सन्तों के कथन से प्रमाणित भी हो उठता है।

 (iii) प्रवृत्तिमार्ग और निवृत्तिमार्ग क्या हैं ?

उत्तर – प्रवृत्ति मार्ग का तात्पर्य है, वैसा विचार या वैसा मार्ग जिसपर चलने वाले लोग अपने जीवन में आनंद और सुख चाहते है और वो नारी को आनंद की खान समझता है। और उसके विपरीत निवृत्ति मार्ग से तात्पर्य है, वैसा विचार या वैसा मार्ग जिसपर चलने वाले लोग अपने जीवन में आनंद और सुख नहीं चाहते हैं, वे लोग नारी को अपने जीवन से निकाल दिया या त्याग दिया।

 (iv) “लहना सिंह का दायित्व बोध और उसकी बुद्धि दोनों ही स्पृहणीय हैं।” इस कथन की पुष्टि करें ।

उत्तर- ये सत्य है की ‘ लहना सिंह ‘ का दायित्व बोध और उसकी बुद्धि दोनों ही स्पृहणीय है । लहना सिंह ने जिस तरह अपना दायित्व निभाया , वो सच में काबिले तारीफ है क्योकि सुबेदारिनी ने अपना आँचल पसारकर अपने पति और बेटे की जान बचाने की भीख मांगी थी लहना से और बहादुर तथा वीर लहना ने अपनी जान का परवाह न करते हुए उन दोनों की जान बचाई थी । इतना ही नही लहना ने ‘ जमादार पद का दायित्व भी बड़ी बखूबी से निभाया था । लहना सिंह की बुद्धिमानी भी तारीफ़ करने योग्य है क्योकि नकली रूप में आये लपटन साहब ने सोचा कि मै लहना के फ़ौज में शामिल होकर लहना की फ़ौज को ही बम से उड़ा दू लेकिन लहना की चालाकी और बुद्धिमानी ने लपटन साहब को दबोच लिया । इस प्रकार से बहुत बुद्धिमानी से ये जंग जीता था ।

(v) संघर्ष समितियों से जयप्रकाश नारायण की क्या अपेक्षाएँ हैं ?

उत्तर- जब चुनाव आये, संघर्ष समितियाँ मिलकर, आम राय से अपना उम्मीदवार खड़ा करें अथवा जो उम्मीदवार खड़े किये जायें इनमें से किसी को मान्य करें। यदि इन समितियों के बीच आम राय नहीं बनती, तब कोई ऐसा रास्ता खोजा जायेगा जिसमें आपस में फूट के बिना समितियाँ अपना उम्मीदवार खड़ा कर सकेंगी। एक उम्मीदवार को अपनी मान्यता दे सकेंगी। वे चाहते थे कि चुनाव में जनता का एक बहुत बड़ा पार्ट होगा यानी जनता और छात्रों में संघर्ष समितियों के उम्मीदवार के चयन में अपना महत्वपूर्ण रोल अदा करेगा। साथ ही विजयी प्रत्याशी की गतिविधियों पर समितियाँ कड़ी निगाह फैलायेंगी। यदि उस क्षेत्र का प्रतिनिधि गलत रास्ता पकड़ता है तो उसको त्यागपत्र देने हेतु बाध्य करेंगी। उनका काम मात्र शासन से संघर्ष करना नहीं हो सकता बल्कि उनका काम तो समाज के हर अन्याय और अनीति के विरुद्ध संघर्ष करना होगा। इस प्रकार उनके सामने बराबर संघर्ष बना रहेगा। गाँव में छोटे अफसरों या कर्मचारियों की चाहे वे पुलिस के ही हों घूसखोरी चलती है। समितियों का संघर्ष उनके खिलाफ जारी रहेगा। साथ ही जिन बड़े किसानों ने बेनामी या फर्जी बन्दोबस्तियाँ की हैं, उनका भी विरोध होना चाहिए, दुरस्त करने हेतु संघर्ष भी करेंगे। गाँव में तरह-तरह के अन्याय होते हैं, ये समितियाँ उन अन्यायों को भी रोकेंगी। ये निर्दलीय संघर्ष समितियाँ स्थाई रूप से कायम रहेंगी और मात्र लोकतन्त्र हेतु ही नहीं बल्कि सामाजिक आर्थिक नैतिक बल्कि क्रान्ति के लिये एक बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य करेंगी।

  1. निम्नलिखित अवतरण का संक्षेपण कीजिए :

दुःख का एक बहुत बड़ा कारण अपने-आप में डूबे रहना है। हमेशा अपने विषय में सोचते रहना हम यों करते, तो यों होते, वकालत पास करके मिट्टी खराब की। इससे कहीं अच्छा होता कि नौकरी कर ली होती । अगर नौकरी है तो पछतावा है कि वकालत क्यों नहीं की। लड़के नहीं हैं, तो फिक्र है कि लड़के कब होंगे। लड़के हैं तो रो रहे हैं कि ये क्यों पैदा हुए। ये कच्चे-बच्चे न होते, तो कितने आराम से जिंदगी कटती । बहुतेरे ऐसे हैं, जो अपने वैवाहिक जीवन से असंतुष्ट हैं।

उत्तर-

शीर्षक: आत्मकेंद्रिता ही दुःख का कारण

हर समय अपने बारे में सोचते रहना ही दुःख का मूल कारण है। व्यक्ति अपने फैसलों से संतुष्ट नहीं होता और हर स्थिति में कमी महसूस करता है। यही आत्मकेंद्रिता उसे हमेशा दुखी बनाए रखती है।

(मूल उद्धाहरण में शब्द संख्या – 90  संक्षेपण में शब्द संख्या –  36)

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